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होंगे कामयाब: यह है उज्जैन के हॉट स्पॉट अंबर कॉलोनी की कहानी
रहवासियों ने संयम रखा, वॉट्सऐप पर ग्रुप बनाया, घर में रहकर ही एक-दूसरे की मदद करते रहे और संक्रमण को फैलने से रोक दिया
करीब 38 वर्षीय युवक के 30 मार्च को कोरोना संक्रमित मिलने के साथ ही अंबर कॉलोनी क्षेत्र शहर का हॉट स्पॉट बन चुका था। मरीज की मौत तो 27 मार्च को ही हो गई थी लेकिन जब क्षेत्रवासियों को युवक के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिली तो सभी सकते में थे। प्रशासन के लिए चुनौती थी, क्षेत्र में कोरोना का संक्रमण न फैले वहीं रहवासियों के भी धैर्य और सतर्कता की कड़ी परीक्षा शुरू हो चुकी थी। प्रशासन ने ताबड़तोड़ क्षेत्र सील करने के साथ कटेंनमेंट एरिया घोषितकर करीब 150 मकानों को इसके दायरे में लिया। क्षेत्र में जरूरी सामग्री-सुविधा की व्यवस्था की वहीं रहवासियों ने धैर्य रखकर बड़ी भूमिका निभाई। प्रशासन के निर्देशों का शतप्रतिशत पालन किया और घरों में अपने पैरों को थामकर कोरोना संक्रमण के पांवों में जंजीर बांध दी। सफाई का महत्व समझा इसलिए रहवासियों ने सफाईकर्मियों का सम्मान भी किया। १४ दिन से अधिक समय हो चुका है क्षेत्र को कंटेनमेंट एरिया घोषित हुए लेकिन काई नया मामला सामने नहीं आया है। हॉट स्पॉट से अंबर कॉलोनी का सामान्य क्षेत्र बनना, संभव हो पाया है प्रशासन की व्यवस्था के साथ रहवासियों के मिले भरपूर सहयोग के कारण। आज यह क्षेत्र शहर के अन्य हॉट स्पॉट के लिए एक सफल उदाहरण पेश कर रहा है।
निर्देशों का स्वेच्छा से पालन, पुलिस को संदिग्ध की सूचना दी: अंबर कॉलोनी व आसपास मध्यमवर्गीय परिवार अधिक रहते हैं। इनमें पुलिस, अभिभाषक, डॉक्टर, पत्रकार व अन्य बुद्धिजीवी वर्ग शामिल है। क्षेत्र के कंटेनमेंट एरिया बनने के पहले दिन से ही रहवासियों ने प्रशासन द्वारा जारी प्रत्येक गाइड लाइन का स्वेच्छा से पालन किया। सर्वे में स्वास्थ्य टीम को सही जाानकारी देकर सहयोग किया। घरों में सफाई रखने के साथ कोई भी बेवजह सड़कों पर बाहर नहीं निकला। शाम को अधिकांश लोग अपनी-अपनी छतों पर आकर व्यायाम, वॉकिंग, पतंगबाजी, पौधों को पानी देने आदि गतिविधि से खुली हवा में समय बिताते। किसी कारण घर से निकलना भी होता तो बिना मास्क या कपड़ा बांधे कोई बाहर नहीं निकलता।
वॉट्सऐप पर बताते हैं समस्या, होती है हल
क्षेत्र वार्ड ३५ अंतर्गत आता है। यहां के युवा रहवासी ने सेव वार्ड-35 नाम से गु्रप बनाया, जिसमें ६ एडमिन रख क्षेत्र के ही कई लोगों को शामिल किया। रहवासी चंद्रभानसिंह चंदेल ने बताया, गु्रप पर जिसे जो समस्या होती, वह मदद के लिए बताता। गैस सिलेंडर खत्म होने, दवाई की कमी, किराना सामग्री आदि को लेकर कई समस्या लोगों ने रखी और इन्हें दूर करने के लिए जिससे जो बन पड़ा, सहयोग किया। क्षेत्र में मेडिकल की दुकान खुली, गैस सिलेंडर आदि की व्यवस्था हुई। कोरोना संक्रमित जिस युवक के घर कम्पाउंडर आता था, पुलिस-प्रशासन को उसके घर की जानकारी नहीं मिल पा रही थी। यह समस्या भी वाट्सऐप ग्रुप पर आने के बाद एक रहवासी की मदद से दूर हुई और कम्पांउर की स्क्रीनिंग हो सकी।
यह शहर का एकमात्र ऐसा क्षेत्र बना, जहां से कोई शिकायत नहीं आई
एसडीएम आरएम त्रिपाठी को इस कंटनेमेंट एरिया का इंसीडेंट कमांडर बनाया गया था। त्रिपाठी बताते हैं, संक्रमण न फैले इसलिए पहले दिन से ही क्षेत्र में आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई थी। रोज अधिकारी निरीक्षण करते थे व पुलिस पूरे समय तैनात रहती थी। नगर निगम द्वारा नियमित सेनेटाइजिंग, सावधानी से कचरा कलेक्शन, सफाई की जाती थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर-घर जाकर सर्वे किया। दूध, सब्जी, किराना, मेडिसिन आदि की निर्बाध आपूर्ति की गई। त्रिपाठी के अनुसार यह एेसा कंटेनमेंट एरिया था, जहां से एक भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई, रहवासियों का पूरा सहयोग मिला, जिसके कारण संक्रमण फैलने का मामला सामने नहीं आया। गाइड लाइन का पालन किया: तहसीलदार पूर्णिमा सिंगी ने बताया, क्षेत्र में मेडिकल की दुकान थी, जिसे खुलवाया। इससे लोगों को दवाई के लिए बाहर आने की जरूरत नहीं पड़ी। वे कहती हैं, रहवासियों ने काफी संयम रखा, जागरूकता के साथ वे इस महामारी से लड़े। जो गाइड लाइन दी गई थी, उसका शतप्रतिशत पालन किया। जरूरत पडऩे पर कभी कोई घर से बाहर निकला भी तो मुंह पर मास्क-कपड़ा लगाकर ही बाहर आया।